रोटी के लिए
रस्सी पर चलती लड़की
पेट के बैलेन्स के लिए
बनाती है वह
रस्सी पर बैलेंस
तय करती है
खाली पेट से
रोटी तक का सफर
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संजय परसाई की एक कविता
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bahut maarmik kavita....
ReplyDeleteकम से कम मेहनत कर के तो इज्जत की रोटी खाती है, लाख गुणे अच्छी ओर स्यानी है उन से जो रिश्वत खा कर अपने आप को अमीर कहते है.
ReplyDeleteधन्यवाद