निरावरण बावनगजा
तीर्थंकर भव्य और अपराजेय !
तुम्हें किसी धर्म या सम्प्रदाय में बाँधकर
मैं छोटा नही कर सकता मनुष्यता
(क्योंकि सब धर्मों से बढ़कर है मनुष्यता)
और कला की विराट और दुर्दमनीय भूख।
मैं नहीं जानता
किन आदिम शिल्पियों ने तुम्हें उकेरा
इतना महान् और अप्रतिम,
पर यह तय है कि वे खुरदरे पहाड़ों में छोड़ गए
मनुष्य के मनुष्य होने का प्रमाण।
हमारी तमाम संकीर्णताओं और क्षुद्र आकांक्षाओं को
चुनौती देती यह ऊर्जस्वित काया, मस्तक उन्नत,
बलिष्ठ भुजाएँ, होंठों पर यह अविजित मुस्कान।
कलाभिव्यक्ति कितनी जोखिमभरी होती है
और कितनी रसवन्ती हो जाती है
मानवीय मूल्यों में नहाकर।
तीर्थंकर, तुम्हारी देह, तुम्हारे अण्डकोषों में भी
मधुमक्खियों ने बाँध लिए हैं अपने छत्ते!
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रचना दिनांक 10 नवम्बर 2002
रतन चौहान : 6 जुलाई 1945, गाँव इटावा खुर्द, रतलाम, मध्य प्रदेश में एक किसान परिवार में जन्म।
अंग्रेजी और हिन्दी में स्नातकोत्तर उपाधि।
प्रकाशित कृतियाँ- (कविता संग्रह हिन्दी) : अंधेरे के कटते पंख, टहनियों से झाँकती किरणें
(कविता संग्रह, अंग्रेजी): रिवर्स केम टू माई डोअर, ‘बिफोर द लिव्ज़ टर्न पेल’, लेपर्डस एण्ड अदर पोएम्ज़, हिन्दी से अंग्रेजी में पुस्तकाकार अनुवाद : नो सूनर, गुड बाई डिअर फ्रेन्ड्स, पोएट्री आव द पीपल, ए रेड रेड रोज़, तथा ‘सांग आव द मेन’।
देश-विदेश की पत्रिकाओं में अनुवाद प्रकाशित।
साक्षात्कार, कलम, कंक, नया पथ, अभिव्यक्ति, इबारत, वसुधा, कथन, उद्भावना, कृति ओर आदि पत्रिकाओं में मूल रचनाओं के प्रकाशन के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका, यूरोप एवं रुस के रचनाकारों का अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद।
इण्डियन वर्स, इंडियन लिटरेचर, आर्ट एण्ड पोएट्री टुडे, मिथ्स एण्ड लेजन्ड्स, सेज़, टालेमी आदि में हिन्दी के महत्वपूर्ण कवियों की कविताओं के अंग्रेजी अनुवाद।
एण्टन चेखव की कहानी ‘द ब्राइड' और प्रख्यात कवि-समीक्षक-अनुवादक श्री विष्णु खरे की कविता ‘गुंग महल’ का नाट्य रूपान्तर। ‘हिन्दुस्तान’ और ‘पहचान’ अन्य नाट्य कृतियां।
अंग्रेजी और हिन्दी साहित्य पर समीक्षात्मक आलेख।
जन आन्दोलनों में सक्रिय।
सम्प्रति - शासकीय स्नातकोत्तर कला एवं विज्ञान महाविद्यालय, रतलाम में अंग्रेजी के प्राध्यापक पद से सेवा निवृत।
सम्पर्क : 6, कस्तूरबा नगर, रतलाम (मध्य प्रदेश) 457001. दूरभाष - 07412 264124
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सुंदर, भावपूर्ण अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना. नवरात्र पर्व की हार्दिक शुभकामना
ReplyDeleteअति सुंदर भाव पूरण रचना .
ReplyDeleteधन्यवाद