हरे ताम्बई रंग के नये पत्ते फूटते हैं
मुझे याद आती है
कत्थक नाचने वाली लड़की
बड़ी - बड़ी आँखों और गोल चेहरे वाली
लड़की
जब हथेलियों में महावर का वसन्त
सजाती है
जब आँजती है काजल
बाँधती है अलकों में चाँद
और पैरों में घुँघरू
तब पृथ्वी एक थिरकती हुईं
नर्तकी बन जाती है
कौंधती बिजलियों में लिपटी
बारिश,
और पहाड़ों में उछालें खाती
नदी का निखार
आतुर हो उठता है अंग - अंग में फूटती कविता का
सिंगार करने
तब सरल सी, हवा-सी लड़की
अनुगूंजित दिशाओं में झंकृत नादमयी वीणा होती है
जब बादाम के पेड़ पर
फूटते हैं नये पत्ते
जब चढ़ता है वसन्त के चेहरे पर पानी
मुझे कत्थक नाचने वाली लड़की याद आती है
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रचना दिनांक 7 फरवरी 1996
रतन चौहान : 6 जुलाई 1945, गाँव इटावा खुर्द, रतलाम, मध्य प्रदेश में एक किसान परिवार में जन्म।
अंग्रेज़ी और हिन्दी में स्नातकोत्तर उपाधि।
प्रकाशित कृतियाँ - (कविता संग्रह हिन्दी) : अंधेरे के कटते पंख, टहनियों से झाँकती किरणें।
(कविता संग्रह, अंग्रेजी) : रिवर्स केम टू माई डोअर, ‘बिफोर द लिव्ज़ टर्न पेल’, लेपर्डस एण्ड अदर पोएम्ज़।
हिन्दी से अंग्रेजी में पुस्तकाकार अनुवाद : नो सूनर, गुड बाई डिअर फ्रेन्ड्स, पोएट्री आव द पीपल, ए रेड रेड रोज़, तथा ‘सांग आव द मेन’। देश-विदेश की पत्रिकाओं में अनुवाद प्रकाशित ।
साक्षात्कार, कलम, कंक, नया पथ, अभिव्यक्ति, इबारत, वसुधा, कथन, उद्भावना, कृति ओर आदि पत्रिकाओं में मूल रचनाओं के प्रकाशन के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका, यूरोप एवं रुस के रचनाकारों का अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद।
इण्डियन वर्स, इण्डियन लिटरेचर, आर्ट एण्ड पोएट्री टुडे, मिथ्स एण्ड लेजन्ड्स, सेज़, टालेमी आदि में हिन्दी के महत्वपूर्ण कवियों की कविताओं के अंग्रेजी अनुवाद।
एण्टन चेखव की कहानी ‘द ब्राइड’ और प्रख्यात कवि-समीक्षक-अनुवादक श्री विष्णु खरे की कविता ‘गुंग महल’ का नाट्य रूपान्तर। ‘हिन्दुस्तान’ और ‘पहचान’ अन्य नाट्य कृतियाँ।
अंग्रेज़ी और हिन्दी साहित्य पर समीक्षात्मक आलेख।
जन आन्दोलनों में सक्रिय।
सम्प्रति - शासकीय स्नातकोत्तर कला एवं विज्ञान महाविद्यालय, रतलाम में अंग्रेजी के प्राध्यापक पद से सेवा निवृत।
सम्पर्क : 6, कस्तूरबा नगर, रतलाम (मध्य प्रदेश) 457001. दूरभाष - 07412 264124
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बहुत सुन्दर रचना है।बधाई।
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