11/24/2008

चिट्ठी



।। चिट्ठी ।।


कब आती हैं ज्यादा चिट्ठियां


सुख में, दुख में


बसन्त या पतझड़ में ?


किसे रहता है चिट्ठी का


सबसे ज्यादा इन्‍तजार


शहर गए बेटे को,


घर में रह गए माँ-बाप को


प्रेमी को, विरहणी नायिका को


या नौकरी तलाशते युवा को ?


कब लिखी जाती हैं


सबसे ज्यादा चिट्ठियाँ


बचपन में, जवानी में


बुढ़ापे में ?


कब मिलता है


सबसे ज्यादा सुख


चिट्ठी लिखने में या चिट्ठी पाने में ?


पूरी पीढ़ी इस बात से अनजान है


लाख टके के सवाल पर हैरान है ।


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‘सपनों के आसपास’ शीर्षक काव्य संग्रह से पंकज शुक्ला ‘परिमल’ की एक कविता


मैं पंकज के प्रति मोहग्रस्त हूँ, निरपेक्ष बिलकुल नहीं । आपसे करबध्द निवेदन है कि कृपया पंकज की कविताओं पर अपनी टिप्पणी अवश्‍य दें ।


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