tag:blogger.com,1999:blog-385198001912778397.post8781750444685494852..comments2023-07-06T17:01:42.188+05:30Comments on मित्र-धन: जल रहा है आदमीविष्णु बैरागीhttp://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-385198001912778397.post-78193694286866696092009-03-13T23:10:00.000+05:302009-03-13T23:10:00.000+05:30खौफ़ के साये में जो पल रहा है आदमी,कायरों की शक्ल म...खौफ़ के साये में जो पल रहा है आदमी,<BR/>कायरों की शक्ल में ही ढल रहा है आदमी ।<BR/><BR/>मुस्कुराने की उसे आदत है वो मुस्काएगा <BR/>दिल ही दिल में किस कदर जल रहा है आदमी ।<BR/><BR/>वाह वाह.....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-385198001912778397.post-43139896433446659192009-03-13T06:25:00.000+05:302009-03-13T06:25:00.000+05:30वायदों के जाल में फँस उलझ कर रह गया,आज तो हर आदमी ...वायदों के जाल में फँस उलझ कर रह गया,<BR/>आज तो हर आदमी को छल रहा है आदमी ।<BR/><BR/>-वाह आशीष जी!! उम्दा!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com